पत्रकारों में सकारात्मक परिवर्तन हेतु ब्रह्माकुमारीज ने किया संगोष्ठी का आयोजन || By Nirja || LIVE IMAGE

“आध्यात्मिक संग लाता है जीवन में सकारात्मक परिवर्तन”: प्रो. द्विवेदी

“हर व्यक्ति को समान अवसर प्राप्त होना है स्वराज”: प्रो. द्विवेदी

दिल्ली, 29 अप्रैल: भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि मन को ठीक करने के लिए, मानसिक स्वास्थ्य और आनंद प्राप्त करने के लिए ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़ना होगा और ध्यान योग करना होगा। हम आनंद बाहर ढूढ़ रहे है जबकि वह हमारे भीतर है, आध्यात्मिक संघठन और गुरुजन ही हमें इसकी प्राप्ति कराते है। उन्होंने कहा कि हमें अपने मूल्यनिष्ट व्यवस्था को बचाना होगा, समाज हमारा घर है, घर में कोई एक भी दुखी हो और बाकी खुश रहें ऐसा नहीं होता, पड़ोसी भी दुखी होगा तो आप सुखी नहीं रह सकते। 

प्रो. द्विवेदी शनिवार को आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे  “समृद्ध भारत की ओर समाधान आधारित मीडिया अभियान” के अंतर्गत स्थानीय स्वास्थ्य विहार स्थित ब्रह्माकुमारी राजयोग केंद्र में “मीडिया संचार में सकारात्मक परिवर्तन के लिए मेडिटेशन” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात सभी को संबोधित कर रहे थे। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि भविष्य पीड़ियों को हम ऐसा जीवन देना चाहते है जहाँ हर व्यक्ति, प्राणी सामान सुखी हो। स्वराज का अर्थ है हर व्यक्ति को समान अवसर प्राप्त होना। इसके लिए हमें याद रखना होगा कि जिस तरह आप व्यव्हार करते है वही लौट कर आता है, यही प्रकृति, समाज का नियम है। आगे कहा कि संगत का असर पड़ता है, श्रेष्ठ और गुणवान व्यक्तियों की संगत अमृत सामान है जो आपमें सकारात्मक परिवर्तन लाती है । और उनसे भी ऊँचा है परमात्मा का संग ।

यूएनआई के मुख्य संपादक अजय कौल ने इस अवसर पर कहा कि आजकल सोशल मीडिया, मीडिया की मर्यादा की लक्ष्मण रेखा पार कर चूका है इसलिए उसे मीडिया को शांति और सकारात्मकता की भाषा सीखनी होगी। उन्होंने कहा कि तनाव दूर करने के लिए आप जैसी आध्यात्मिक संस्था ही राजयोग मैडिटेशन सिखा कर मन की शांति प्रदान कर सकती है। 

प्रेरणादायी वक्ता ब्रह्माकुमारी पूनम ने कहा कि सकारात्मक परिवर्तन के लिए अपनी चेतना की परिवर्तन करना होगा और चेतना में परिवर्तन हमारे विचारों की गुणवत्ता पर निर्भर है। विचारों, संकल्पों को सकारात्मक बनाने के लिए संकल्प पैदा करने वाली आत्मा की पहचान और सर्व गुणों व शक्तियों के दाता परमात्मा से सम्बन्ध जोड़ना  जरुरी है। उन्होंने कहा कि दिव्यता और अच्छी नीयत से कर्म क्षेत्र पर आते है तो अनेकों का सहयोगी बन जाते है।

यू एन एन के संपादक एच एम गजाली ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जीवन में सकारात्मकता के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपने दिन की शुरुआत किस तरह करते हैं जो हम बाहर तलाशते हैं वो तो अंदर है ब्रह्माकुमारी में आकर मैंने जाना की एक मैं है जिससे समस्या शुरू होती है और एक मैं ही है जिससे समस्या खत्म भी होती है । जब हमे देने से खुशी मिलती है यही रूहानियत है। मेडिटेशन से ही जीवन सफल हो सकता है।

इंकलाब न्यूजड्डेली के संपादक मो0 यामीन अंसारी ने कहा कि मीडिया समाज को क्या दे रहा है ये सोचना जरूरी है अपने अंदर झांकना बहुत जरूरी है तभी हम बेहतर और सकारात्मक दे पाएंगे। रूहानियत और पाकीज़गी हर इंसान के लिए जरूरी है और ब्रह्माकुमारी यही कार्य करती हैं ।

ब्रह्माकुमारीज के राष्ट्रीय मीडिया प्रवक्ता,  राजयोगी सुशांत भाई ने आज के विषय पर मुख्य वक्तव्य में मीडिया व्यवसाय में आ रहे परिवर्तन तथा मीडिया व्यवसायियों की चुनौतियों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि नकारात्मकता मानसिकता में है मीडिया में नहीं। बाहय जगत को अच्छा बनाना है तो आंतरिक जगत में झांकना होगा। सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान एवं राजयोग की शिक्षा ब्रह्माकुमारीज द्वारा नि:शुल्क, निस्वार्थ भाव से दी जा रही है जिसके द्वारा स्थायी, सकारात्मक परिवर्तन का लाभ अवश्य मिलेगा और वे स्वयं परिवार एवं समाज की सच्ची सेवा कर पाएंगे।

राष्ट्रीय संपादक संघ के अध्यक्ष रास बिहारी ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि जीवन में तनाव तो है मीडिया में अलग तरह का तनाव है पर इन्हीं परिस्थितियों में जीना भी है इसलिए ब्रह्माकुमारी विश्व विद्यालय में आकर राजयोग मेडिटेशन सीखने से तनाव से राहत अवश्य मिलती है। यहां आकर सबका तनाव दूर होता है।

वरिष्ठ राजयोग शिक्षक ब्रह्माकुमार जगरूप ने अपने अनुभव को सांझा करते हुए कहा कि 5 तत्वों के इस शरीर में हम आत्मा है, जो हीरे समान है, जो सकारात्मकता से भरपूर है। परंतु नकारात्मक आदतों और विचारों ने सकारात्मकता को दबा रखा है। राजयोग से परमात्मा शक्ति और ज्ञान प्रकाश कर फिर से सकारात्मकता को जागृत कर जीवन को तनावमुक्त और सुख शांति से भरपूर कर सकते है।

ब्रह्माकुमारी संस्था के मीडिया प्रभाग की दिल्ली क्षेत्रीय प्रभारी राजयोगिनी बीके सुनीता ने कहा कि हम सभी नकारात्मकता को सकारात्मकता में परिवेर्तित कर सकते है क्योकि हम सभी शक्तिशाली विचारधारा वाली आत्माएं है। सभी समस्याओ का समाधान परमात्मा ही करेंगे परन्तु इसके लिए एक ऊँगली का सहयोग हमें करना होगा। मीडिया की लेखनी शक्तिशाली है जो लिखते है उसका प्रभाव पड़ता है।

ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र स्वास्थ्य विहार की निर्देशिका बी0के0उर्मिल ने सभी का शब्दों के द्वारा एवं बैज व तिलक द्वारा स्वागत किया। कार्यक्रम का मंच संचालन श्री गणेश जोशी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन अनिल भाई ने दिया। बी के नेहा ने मैडिटेशन का अभ्यास कराकर सभी में सकारात्मक संकल्पों की शक्ति की अनुभूति करायी ।



– नीरजा (Journalist)




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