बिहार में बलात्कार की ऐसी घटना, जिससे सत्ताधारी पार्टी सीधे लपेटे में आई || By Rama Deepak || LIVE IMAGE

बिहार में बलात्कार की ऐसी घटना, जिससे सत्ताधारी पार्टी सीधे लपेटे में आई || By Rama Deepak || LIVE IMAGE

बिहार में बलात्कार की ऐसी घटना, जिससे सत्ताधारी पार्टी सीधे लपेटे में आई…IAS की पत्नी, माँ, भतीजी से लगातार 2 साल तक रेप… वो RJD नेता कौन था , जिसे बचाया गया?

 देश में नेताओं के बाद ,अगर सरकार में किसी की सबसे ज्यादा चलती है तो वो हैं ब्यूरोक्रेट्स। कई बार तो उनकी भूमिका नेताओं से भी बढ़ कर होती है क्योंकि योजनाओं के क्रियान्वयन का जिम्मा उनके पास ही होता है। लेकिन, बिहार के जंगलराज के दौर में IAS अधिकारी तक सुरक्षित नहीं थे। 

लालू जी के राज में बिहार में 1982 बैच के एक सीनियर IAS हुआ करते थे। दलित समाज से थे। नाम था बी.बी. विश्वास। श्रम विभाग में सामाजिक सुरक्षा के निदेशक के रूप में कार्यरत थे। इनकी पत्नी का नाम था चम्पा विश्वास। चम्पा विश्वास के साथ रेप एक ऐसी घटना थी, जिसने पूरे बिहार ही नहीं, बल्कि देश को हिला कर रख दिया था।

चम्पा विश्वास के साथ रेप : बिहार के दामन पर कलंक 

लालू-राबड़ी के अंधकार-युग में बिहार ,यौन शोषण ,अपहरण और हत्या की वारदातों के लिए कुख्यात था। सत्ताधारी पार्टी के नेता ही गुंडे थे और उनके द्वारा यौन शोषण और हत्या की वारदातों के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती थी। हम आपको याद दिला रहे हैं,राजद के उस गुंडाराज की। लालू यादव सामाजिक न्याय के नाम पर ऐसी सरकार चलाने लगे थे। 

बिहार में जंगलराज के दौर में यौन शोषण ,अपहरण और हत्याएँ इतनी आम थीं की प्रकाश झा की कई फिल्मो का विषय बनी  । कुछ साल पहले तक बिहार में सड़क में गड्ढे नहीं होते बल्कि गड्ढों में सड़क होती थी। प्रसुती माताओं को गाड़ी से ले जाने के बजाय लोग पालकी में हॉस्पिटल ले जाते थे। ख़राब सड़क होने के बावजूद आरजेडी के लोग 900 करोड़ का चारा स्कूटर पर ढो लिए यह भी सच्चाई है।

लेकिन, IAS अधिकारी बी.बी.विश्वास ने जब लालू यादव के करीबी मृत्युंजय यादव पर 2 साल में न सिर्फ उनकी पत्नी का बल्कि उनके कई सम्बन्धियों का भी रेप करने का आरोप लगाया, इंडिया टुडे में इस खबर के छपने से देश में हड़कंप मच गया था।

मृत्युंजय

उस समय लालू जी की पार्टी की विधायक के बेटे की नजर चम्पा विश्वास पर पड़ीं। परिणाम..  विधायक का बेटा और उसके कई दोस्त दो साल तक लगातार चंपा विश्वास के साथ सामूहिक बलात्कार करते रहे। बी.बी. विश्वास और उनकी पत्नी थाना गये। केस दर्ज नहीं हुआ। लालू के पास गये, लालू बोले कि जो हुआ भूल जाओ। केस करके कुछ नहीं मिलेगा।

राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी

लेकिन, मामला लाइमलाइट में तब आया ,जब बेबस सीनियर IAS और उनकी पीड़ित पत्नी ने बिहार के तत्कालीन राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी को पत्र लिख कर न्याय की गुहार लगाई। दो साल तक किसी का जबरदस्ती यौन शोषण, यहाँ तक कि उसके नाते-रिश्तेदारी में कई अन्य महिलाओं का रेप – ये एक साधारण घटना नहीं थी। 

बी.बी. विश्वास ने आरोप लगाया था कि मृत्युंजय (तब 27 साल के) ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर न सिर्फ उनकी पत्नी का, बल्कि उनकी माँ, दो मेड्स और भतीजी तक के साथ रेप किया। उसने इसके लिए धमकी, लालच, जोर-जबरदस्ती और हिंसा – सभी का सहारा लिया। तब चम्पा विश्वास 30 साल की थीं।

लगातार चम्पा विश्वास का सामूहिक बलात्कार होता रहा। एक बार तो गर्भपात भी कराना पड़ गया था। 15.5.1996 को चम्पा विश्वास अपने पति के साथ पश्चिम बंगाल गई। एस एन आर कॉर्नी वाल नर्सिंग होम में उनकी जाँच की गई, अत्यधिक रक्तस्राव के कारण 20.5.1996 को नर्सिंग होम में भर्ती हुई, महिला बच्चे को जन्म दिया, जिसे कुछ घंटों के बाद मृत घोषित कर दिया गया।गैंगरेप से फिर से गर्भवती ना हो, इसके लिए चम्पा विश्वास ने नसबंदी का रास्ता चुना।

डी जी पी नियाज अहमद

तब उन्होंने ये भी अंदेशा जताया था कि उनकी भतीजी कल्याणी और दो मेड सर्वेन्ट्स, जो गायब हो गई थीं, उनकी हत्या भी की गई हो सकती है। राज्यपाल ने मामले का संज्ञान लेते हुए गृह मंत्रालय को इस मामले को देखने की सिफारिश की थी।साथ ही उन्होंने बिहार के तत्कालीन डी जी पी नियाज अहमद को भी इसकी जाँच करने के आदेश दिए। 

मृत्युंजय की माँ हेमलता यादव 

मृत्युंजय की माँ हेमलता यादव भी विधायक रह चुकी थीं और वो ‘बिहार सोशल वेलफेयर एडवाइजरी बोर्ड’ की अध्यक्ष थीं।राजद के विधायक रहे आरोपी मृत्युंजय यादव ,लालू यादव की बिरादरी का था, और उसने लालू यादव  की बायोग्राफी पर एक किताब भी लिखी थी। 

तब मृत्युंजय यादव ने इन आरोपों को गलत बताते हुए कहा था कि ये उनके और उनकी माँ के खिलाफ साजिश है। साथ ही उन्होंने बीबी विश्वास पर अपनी ड्यूटी ठीक से न निभाने और दफ्तर से गायब रहने तक के आरोप भी लगाए। ये सब तब हो रहा था, जब मृत्युंजय का इतिहास भी ठीक नहीं था। इस घटना से 3 साल पहले भी एक राजनेता की बेटी का यौन शोषण करने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था। 

हेमलता उस वक़्त 8 सालों से लालू यादव की करीबी थीं।मोहम्मद नमतुल्लाह तब विधानसभा में राजद के चीफ व्हिप थे। उन्होंने कहा था कि वो हेमलता के परिवार को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं और वो ‘लड़का’ ऐसा नहीं कर सकता।

बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी

इस मामले में सबसे ज्यादा तूल तब पकड़ा, जब बिहार में विपक्ष और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चंपा विश्वास कांड का खुलासा कर सबको चौंका दिया. अगस्त 8, 1998 को भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के कहा था-“ कि यहाँ तक कि प्रभावशाली और सम्मानित परिवारों की महिलाएँ भी अब सुरक्षित नहीं हैं और असहाय हैं क्योंकि राजद के गुंडों को लगता है कि वो कुछ भी कर के बच कर निकल जाएँगे ”।

बी.बी. विश्वास इतने बड़े अधिकारी होने के बावजूद अपने परिवार को इससे नहीं बचा पाए। बाद में वो अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली शिफ्ट हो गए थे। चम्पा ने अपने पति के जीवन को खतरा बताते हुए कहा था कि बी.बी. विश्वास को काफी बाद में इस मामले के बारे में पता चला। 

क्या-क्या लगे थे आरोप?

बीबी विश्वास का परिवार पटना के बेली रोड में स्थित सरकारी क्वार्टर में रहता था। चम्पा ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनके बगल के क्वार्टर में रहने वाले अधिकारी और उनकी पत्नी उन्हें बुला कर अपने फ्लैट में लेकर गए, जहाँ मृत्युंजय और उसकी माँ हेमलता पहले से ही बैठे हुए थे। वहाँ उन लोगों ने चम्पा को मृत्युंजय के साथ अकेले कमरे में बंद कर दिया, जहाँ मृत्युंजय ने उनका रेप किया।

आरोप है कि इसके बाद हेमलता ने उन्हें धमकाया कि इस घटना के बारे में किसी को भी पता ना चले अन्यथा उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी जाएगी और उनकी नग्न तस्वीर भी प्रकाशित की जाएगी जो कि मृत्युंजय कुमार यादव द्वारा ली गई थी।  

एक दिन अचानक मृत्युंजय फिर अपनी माँ और कुछ लोगों के साथ कैमरा लेकर आ धमका, वहाँ उनके साथ फिर बलात्कार किया गया। उसने चम्पा के साथ शादी की जिद की। उसकी माँ ने कहा कि मृत्युंजय स्मार्ट है और बड़े परिवार से है, इसीलिए चम्पा को उससे शादी कर लेनी चाहिए। उन लोगों ने चम्पा के पति को बूढ़ा बताते हुए कहा कि हेमलता को मंत्री पद मिलने के बाद चम्पा विश्वास को भी कहीं का अध्यक्ष बना दिया जाएगा।

शिकायत में बताया गया था कि दिसंबर 1995 में एक बार फिर मृत्युंजय पहुँचा, जहाँ उसने चम्पा विश्वास की माँ को किचेन में देखा। इसके बाद उसने उनका जबरन आलिंगन किया और किस किया। घबराई माँ ने चम्पा से परिवार सहित वो फ़्लैट खाली करने को कहा। इसी तरह उसने चम्पा विश्वास की भतीजी कल्याणी के साथ भी रेप किया। साथ ही वो घर की मेड से कह कर बीबी विश्वास को ड्रग्स दे दिया करता था, ताकि वो बेहोश हो जाएँ।

 ‘नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन’ को भेजे गए पत्र में चम्पा ने आरोप लगाया था कि बिहार के एक बहुत बड़े नेता (जंगलराज के मसीहा) ने भी उनके साथ बलात्कार किया। उनका आरोप था कि पुलिस ने भी उनके बयान को हूबहू कोर्ट में पेश नहीं किया और उसमें बदलाव कर दिया। दिल्ली में शिफ्ट होने के बाद परिवार के भीतर ऐसा डर बैठा हुआ था कि उन्होंने 20 बार अपना घर बदला। मृत्युंजय के दोस्तों ने भी चम्पा के साथ बलात्कार किया था।

आरोपित मृत्युंजय का कहना था कि राजद और भाजपा की लड़ाई में उसे बकरा बनाया गया। उसका कहना था कि सुशील मोदी ने इसे मुद्दा बना दिया, जिससे उसकी ज़िंदगी बर्बाद हो गई, वरना वो दिल्ली के हिन्दू कॉलेज में पढ़ता था और सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था। उसने कहा था कि उसके अधिकतर दोस्त अब सिविल सर्विसेज में हैं।

मां-बेटे को मिली थी हाईकोर्ट से राहत 

मृत्युंजय ने पटना हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ अपील करी। पटना हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के फैसले को पलट दिया । हाईकोर्ट के जज ने दलील दी कि दो साल तक रेप होता रहा और पीड़िता आईएएस की पत्नी चुप रहीं। उन्होंने क्यों जमाने के सामने की बातें नहीं रखी। गर्भपात क्यों कराया, नसबंदी क्यों कराई. मृत्यंजय के वकील ने कहा कि दोनों के बीच प्रेम संबंध था । चंपा शादी के लिए अड़ गई थी।ऐसा न करने पर परिवार को बदनाम करने की धमकी दी थी।

ये भी कहा गया कि चंपा ने ऐसे आरोप इसलिए लगाए हैं कि ताकि वो अपने नौकरशाह पति को भ्रष्टाचार के आरोपों से बचा सके । सरकार की ओर से भर्ती घोटाले में बी.बी.विश्वास का नाम उछाला गया । किसी ने चंपा और बी.बी.विश्वास का साथ नहीं दिया , नतीजा यह निकला कि नेता के परिवार को हाईकोर्ट ने सभी आरोपों से बरी कर दिया।

इस घटना के बाद उनके पति, बी.बी.विश्वास का वेतन रोक दिया गया। पति पत्नी सड़क पर आ गये । इसके बाद चंपा और बी.बी.विश्वास दिल्ली आ गए। बिहार से अलग होकर जब झारखंड नया राज्य बना तो बी.बी.विश्वास वहीं शिफ्ट हो गए, इलाज का पैसा नहीं था, बाद में उनका निधन हो गया। चंपा विश्वास बिहार, दिल्ली और झारखंड में रहने के बजाए कोलकाता में गुमनाम जिंदगी जी रहीं हैं ।

लेकिन, मृत्युंजय यादव ने सितम्बर 2005 में एक ऐसा बयान दिया था, जिसकी चर्चा आवश्यक है। उसने कहा था कि राजद के बड़े नेताओं को बचाने के लिए उसे फँसाया गया। उसने ये भी आरोप लगाया था कि जिस जज ने उसे और उसकी माँ को सजा सुनाई, उसे प्रमोट किया गया। अपनी जान को ख़तरा बताते हुए उसने पूरी जाँच प्रक्रिया को ही भ्रष्ट बता दिया था। उसने आरोप लगाया था कि राजनैतिक लाभ के लिए उसका इस्तेमाल हुआ।

– Rama Deepak
  M.A. Mass Communication
  M.A. Hindi 

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