“अजमेर सेक्स स्कैंडल” – हिंदुस्तान का सबसे बड़े Sex Scandal 1992 || By Rama Deepak || LIVE IMAGE

“अजमेर सेक्स स्कैंडल” – हिंदुस्तान का सबसे बड़े Sex Scandal 1992 || By Rama Deepak || LIVE IMAGE 

अजमेर सेक्स स्कैंडल हिंदुस्तान के सबसे बड़े Sex Scandal के तौर पर जाना चाहता है | अजमेर सेक्स स्कैंडल, जिसने पूरे हिंदुस्तान को झकझोर दिया था | इस पूरे Nexus में इस पूरे देश में नेता, सरकारी अफसर और तमाम लोग शामिल थे | इस को राजनीतिक रंग देने की कोशिश भी करी गई | एक के बाद एक कई लड़कियों ने सुसाइड किया | लेकिन पुलिस और प्रशासन लग-भग साल भर तक आंखें मूंदे बैठा रहा | कारण बनाया गया कि कहीं अजमेर में हिंदू मुस्लिम दंगे ना हो जाए |

सन 1991 के अंत तक आते-आते वहां के Sophiya Girls School or College की लड़कियों की न्यूड पिक्चर्स लोगों के बीच सर्कुलेट होने लगी | धीरे-धीरे ये बात पूरे शहर में फैल गई और पुलिस और प्रशासन तक पहुंचती है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती है |तब अजमेर के एक लोकल न्यूज़ पेपर नव्जोटी के रिपोर्टर और एडिटर तक भी इन लड़कियों की ये फोटो पहोच्टी है | नव्जोती अख़बार को पता चलता हे की इन लडकियों  ब्लैकमेल किया जा रहा है | इनको ब्लैकमेल करने वाले लोग बड़े ताकतवर है | 

Deenbandhu Chaudhary – the editor of Navajyoti News Paper

लेकिन नवज्योति अखबार ने इस sex scandal को Expos करने का बीड़ा उठाया | मई 1992 मैं नवज्योति अखबार ने इस पूरी कहानी को लड़कियों की तस्वीरों के साथ छाप दिया | इसके बाद तो अजमेर में हंगामा बरपा गया | अब पुलिस और प्रशासन की मजबूरी थी कि वह इस पूरे sex scandal एक्शन ले | 


 khwaja moinuddin hasan chishti dargah

अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है | जहां लोगों की भारी भीड़ उनके दर्शनों के लिए आती है | जो लोग वहां चादर चढ़ाने आते हैं | वह इस पूरी पूजा पद्धति के लिए खादिमो  की मदद लेते हैं | कहा जाता है कि ये खिदमतगार ख्वाजा साहब के खानदान से चले आ रहे हैं | खादिमो का चिश्ती की दरगाह पर जबरदस्त कंट्रोल रहता है और वह लोग बड़े ताकतवर और इज्जतदार भी है | 


Farooq Chishty (L) and Nafis Chishty  

1991- 1992 में अजमेर यूथ कांग्रेस का प्रेसिडेंट फारुख चिश्ती, वाइस प्रेसिडेंट नफीस चिश्ती और ज्वाइंट सेक्रेट्री अनवर चिश्ती था | इस पुरे sex scandal के मास्टरमाइंड यह तीनों थे | फारुख, नफीस और अनवर  चिश्ती | अजमेर का मशहूर Sophiya Girls School or College था | इसमें अजमेर के रसूखदार घरों की लड़कियां पढ़ने आती थी | स्कैंडल की शुरुआत तब हुई जब फारुख और नफीस चिश्ती, सोफिया गर्ल्स कॉलेज की नौवीं कक्षा की एक लड़की को बहला-फुसलाकर अजमेर के आउटस्कर्ट पर बने एक फार्महाउस में अपने साथ ले गए |



वहा उन्होंने इस लड़की के साथ रेप किया और उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें खीच लि | अब वो लड़की को धमकाने लगे कि यदि उसने अपना मुंह खोला तो उसकी यह तस्वीरें अजमेर की दीवारों पर चस्पा कर दी जाएगी | यही नहीं उसे अब अपनी किसी फ्रेंड को बहला-फुसलाकर फार्महाउस में लाना होगा अगर वह दूसरी लड़की को बहला-फुसलाकर फार्म हाउस में ले आएगी तो उसकी तमाम तस्वीरें नष्ट कर दी जाएंगी उसे यह भरोसा दिया जाता है | पीड़िता लड़की अपनी फ्रेंड को फार्महाउस पर ले जाती है , वहां उस लड़की के साथ भी यही घटना दोहराई जाती है, पहले रेप फिर तस्वीरें और फिर ब्लैकमेल के साथ रेप का ये अनवरत सिलसिला चालू हो जाता है |


ऐसी कमसे कम 200 लड़कियां थी जो इस सेक्स स्कैंडल का शिकार बनी | अपनी इज्जत बचाने के लिए ये लडकिय चुप रही लेकिन उनकी आत्मा को यह सब गवारा नहीं था |  वह टूटने लगी और फिर शुरू हुआ इन लड़कियों के सुसाइड का सिलसिला | 


एक साथ 6 लड़कियों ने सुसाइड किया | लड़कियों की सुसाइड की रिपोर्ट ध्यान खींचने वाली बात हो गई | कि एक ही स्कूल की लड़कियां सुसाइड क्यों कर रही हैं | लेकिन यह मामला लगातार दबाया जा रहा था क्योंकि इस सेक्स स्कैंडल के पीछे जो लोग थे वह बहुत ताकतवर थे और मुस्लिम थे | दूसरा जो लड़कियां विक्टिम थी वह ज्यादातर हिंदू थी |और प्रशासन इस घटना को इसलिए दबा रहा था कि-प्रशासन के अनुसार कहीं अजमेर में हिंदू मुस्लिम दंगे ना हो जाए |


 यह पूरा sex scandal इतने गोपनीय तरीके से चल रहा था फिर भी यह पब्लिक डोमेन में कैसे आया | दरअसल 1992 में जिन कैमरा से फोटो खींची जाती थी वह आज की तरह डिजिटल कैमरा नहीं होते थे |


उनमें फोटो खींचने के लिए ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म डाली जाती थी जो फोटो खींचने के बाद डिवेलप होने और फोटो बनने के लिए स्टूडियो में जाती थी | इन स्टूडियो का मालिक हो सकता है कि चिश्ती ब्रदर्स के भरोसे का हो, लेकिन लोअर स्टाफ जो नेगेटिव को डिवेलप करता था और फोटो बनाता था | वह कुछ कॉपी अपने पास भी फोटो की रख लेते थे |


धीरे-धीरे उनके द्वारा ये तस्वीरे आम पब्लिक में आनी शुरू हो गई | जिस कारण अभी तक सिर्फ फारुख, नफीस और अनवर हीं इन लड़कियों को ब्लैकमेल कर रहे थे | अब उनके साथ-साथ फार्महाउस पर सरकारी ऑफिसर और पॉलिटिशियन भी इन सब में शामिल हो गए | ये सभी मिल करइन मासूम लडकियों का शोषण कर रहे थे | धीरे धीरे जैसे-जैसे तस्वीरें आम लोगों के हाथ में आती गई | इस गैंग के आम आदमी भी जैसे ड्राइवर, रसोईया ,टेक्नीशियन, फोटो डेवलपर सभी इन लड़कियों को ब्लैकमेल करने लगे |


अब हर व्यक्ति इन मासूम लड़कियों को ब्लैकमेल करने लगा | इस दबाव व तनावपूर्ण माहोल में अलग-अलग समय पर 6 लड़कियों ने सुसाइड किया |


मई 1992 में अजमेर के लोकल न्यूज़ पेपर नवज्योति ने देखा कि पुलिस और प्रशासन इस पर कोई कार्यवाही नहीं करेंगे | तब उन्होंने इस पूरी स्टोरी को छापने का निर्णय किया |  नवज्योति अख़बार में इस न्यूज़ के छपते ही अजमेर में हंगामा हो गया | इस पूरे मामले को पोलिटिकल और कोमुनल रंग देना शुरू हो गया | 3 दिन तक अजमेर बंद रहा | जगे जगे धरने प्रदर्शन शुरू होगये बी.जे.पी. ने कांग्रेस के कई नेताओं की गिरफ्तारी की मांग शुरू की |


हिंदू मुस्लिम दंगे भड़काने की कोशिश करी गई | हालांकि बाद में ये खुलासा हुआ कि इस पूरी न्यूज़ में कुछ मुस्लिम लड़कियों के साथ भी रेप और ब्लैकमेलिंग की गई है |


अब पुलिस प्रशासन चौकस हुए शुरुआत में सिर्फ 30 लड़कियां सामने आई | अपनी इज्जत के डर से और मिलने वाली धमकियों के कारण 18 लड़कियां पीछे हट गई और केवल 12 लड़कियां रह गई और केस शुरू हो गया | लेकिन निरंतर मिलने वाली धमकियों के कारण 10 और लड़कियां Withdraw कर लेते हैं | 


अब सिर्फ दो लड़कियां बचती हैं और दोनों अपने बयान पर कायम रहती हैं | अब पुलिस ने सारी तस्वीरों की तफ्तीश करी तो पाया कि इन फोटोस में उन Accused के भी चेहरे थे | पुलिस उनमें से 18 लोगों को Identify करती है और उन पर नामजद मुकदमा दायर करती है | 18 Accused 12 Accused को गिरफ्तार किया जाता है | लेकिन 6 आज तक भी गिरफ्तार नहीं हुए |


सन 1998 में सेशन कोर्ट फैसला सुनाती है कि सभी को कैद की सजा सुनाती है | परंतु पूरे केस का मास्टरमाइंड फारूक चिश्ती अपने आप वकीलों द्वारा मानसिक तौर पर बीमार घोषित करवाता है यानी वह अपने आप को पागल घोषित करवाता है और उसे कोर्ट द्वारा छोड़ दिया जाता है | उनमें से कुछ बेल मिलने पर भाग जाते हैं इन्हीं में से एक पुरषोतम 8 मार्च 1994 को जेल से बाहर आता है तो एक खबर आती है कि उसने सुसाइड कर लिया | दूसरी खबर आती है कि वह बांग्लादेश भाग गया |


कुछ Accused के बारे में कहा गया कि वह U.S. चले गए | Sessions Court के Judge द्वारा बाकी लोगों पर रेप का मुकदमा चला | Accused में से 3 लोगों द्वारा बाद में सचमुच सुसाइड कर लिया गया | बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने कुछ Accused कि उम्र कैद की सजा को घटाकर 10 साल की कैद में बदल दिया जाता है | मगर तीनों Main Accused फारुख, नफीस और अनवर चिश्ती तीनों में से कोई भी जेल में नहीं है |



इस पूरे मामले में 1992 के बाद 2000 तक अजमेर की लड़कियों से कोई शादी की बात करने जाता था तो पहले वह अखबार के दफ्तर जाकर तफ्तीश करता था कि कहीं इस लड़की का रेप केस से कोई संबंध तो नहीं है | 


इस केस की जघन्येता को देखते हुए Accused को जो सजा मिली वह बहुत कम थी | इसमें मिली सजा न्याय प्रणाली पर कई प्रश्न खड़े करती है | और शायद आज भी वह सभी लड़कियां अपने लिए न्याय की राह देख रही है |

– Rama Deepak
  M.A. Mass Communication
  M.A. Hindi





अमीना Ameena Case 1991 || Mutah Nikah || By Rama Deepak || Tirupati Production


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