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दुनिया की सबसे विवादित फोटो, जिसे खींचने के बाद फोटोग्राफर ने किया सुसाइड! || By Rama Deepak || LIVE IMAGE |
ऐसा कहा जाता है कि तस्वीरें बोलती हैं…एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है. बस ऐसा फोटोग्राफर चाहिए जो उन्हें बुलवाने का हुनर जानता हो | ऐसे ही प्रतिभावान फोटोग्राफर थे….साउथ अफ्रीका के रहने वाले केविन कार्टर (South African photographer Kevin Carter) |
केविन एक युवा फोटोग्राफर थे जिन्होंने अपने जीवनकाल में कई ऐसी तस्वीरें खींची जिन्होंने इतिहास रच दिया | उनकी एक तस्वीर ने खूब सुर्खियां बटोरी, इस तस्वीर ने उन्हें दुनिया के महान फोटोग्राफर्स में शुमार कर दिया, पुरस्कार दिलवाए, पर ये तस्वीर उतनी ही ज्यादा विवादित भी हो गई | इस फोटो को खींचने के बाद केविन इतने निराश हो चुके थे, कि उन्होंने सुसाइड कर लिया |
साउथ अफ्रीकन फोटो जर्नलिस्ट केविन कार्टर ने 1993 में सूडान के अकाल के समय एक फोटो खींची थी | इस तस्वीर को नाम दिया गया था “The vulture and the little girl”…. इस तस्वीर में एक गिद्ध भूख से मर रही एक छोटी लड़की के मरने का इंतज़ार कर रहा था |
इस फोटो के लिए उन्हें पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था | लेकिन कार्टर इस सम्मान का आनंद कुछ ही दिन उठा पाए….कुछ महीनों बाद 33 वर्ष की आयु में उन्होंने अवसाद से आत्महत्या कर ली थी । आखिर ऐसा क्या हुआ ? दरअसल जब वे इस सम्मान का जश्न मना रहे थे तो सारी दुनिया के प्रमुख चैनल और नेटवर्क पर इसकी चर्चा हो रही थी | इस फोटो ने दुनिया को हिलाकर रख दिया और अफ्रीका में भूखमरी की कंडीशन का खुलासा कर दिया |
26 मार्च 1993 को अमेरिका के फेमस न्यूजपेपर “न्यूयॉर्क टाइम्स” ने इस फोटो को एक लेख के साथ पब्लिश किया था | इस फोटो को देखकर लोग इतना विचलित हुए कि अखबर के दफ्तर में फोन कर ये पूछने लगे कि बच्ची की हालत कैसी है, क्या वो बच पाई या नहीं | बहुत से लोग फोटोग्राफर केविन को उपदेश देने लगे. उनका कहना था कि केविन ने नैतिकता नहीं दिखाई, वो सिर्फ अच्छी फोटो का भूखा था, उसने बच्ची को नहीं बचाया.
बच्ची की गिद्ध के साथ तस्वीर पर खूब चर्चा होने के बाद तमाम सवाल भी खड़े हुए।
कार्टर का अवसाद तब शुरू हुआ जब एक ‘फोन इंटरव्यू’ के दौरान एक जर्नलिस्ट ने तो पूछ लिया कि उस लड़की का क्या हुआ ? कार्टर ने कहा कि वह देखने के लिए वो रुके नहीं क्यों कि उन्हें फ्लाइट पकड़नी थी |
रिपोर्टर:”कितनेगिद्धथे?”
कार्टर : “मुझे लगता है कि एक था”
रिपोर्टर : “मैं आपको बता रहा हूँ कि उस दिन वहां दो गिद्ध थे जिसमें से एक के हाथ में कैमरा था”
इस कथन के भाव ने कार्टर को इतना विचलित कर दिया कि वे अवसाद में चले गये और अंत में आत्महत्या कर ली। कार्टर आज जीवित होते अगर वे उस बच्ची को उठा कर यूनाईटेड नेशन्स के कुपोषण सेन्टर तक पहुँचा देते जहाँ पहुँचने पर उसे जीवन दान मिल जाता। अतः किसी भी प्रोफेशन में आप कुछ भी पोज़िशन प्राप्त कर लें लेकिन आप मे मानवता नही तो सब कुछ व्यर्थ है ।
तस्वीर खींचने के कुछ वक्त बाद ये पता चला कि वो एक लड़की नहीं, बल्कि कॉन्ग न्यॉन्ग (Kong Nyong) नाम का एक लड़का था | जो भुखमरी से तो बच गया था लेकिन कई साल बाद 2008 में उसकी बुखार से मोत हुई |
उसी बीच साउथ अफ्रीका में हुई एक हिंसा को केविन अपने दोस्त Ken Oosterbroek के साथ कवर करने गए थे….जिसमें केन की मौत हो गई. फोटो की आलोचना अभी पूरी तरह खत्म भी नहीं हुई थी कि दोस्त की मौत के बारे में सुनकर केविन पूरी तरह टूट गए |
दो-दो आघात को केविन झेल नहीं पाए और 27 जुलाई 1994 को उन्होंने साउथ अफ्रीका में एक नदी किनारे अपनी कार पार्क की और गाड़ी के एग्जॉस्ट पाइप में एक दूसरा पाइप लगाकर उसमें से निकलने वाली जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस को मुंह के अंदर लेने लगे |
इस तरह उन्होंने अपने जीवन का अंत कर लिया. वो अपने पीछे एक सुसाइड नोट भी छोड़कर गए जिसमें उन्होंने लिखा- “मैं सबसे माफी चाहता हूं. जीवन का दर्द, आनंद को इस हद तक खत्म कर देता है कि फिर जीवन में आनंद का नाम-ओ-निशान नहीं रह जाता| मैं डिप्रेस्ड हूं…बिना फोन के हूं….बच्चे की पढ़ाई के लिए पैसे नहीं हैं….किराये के लिए पैसे नहीं हैं…..हर चीज के लिए जीवन में सिर्फ पैसे चाहिए | मुझे लाशों, हत्याओं, गुस्से, दर्द, भूखे बच्चों की यादें घेरे हुए हैं और डरा रही हैं | अगर मैं लकी हुआ तो मैं केन से अब मिलूंगा.” आखिरकार महज 33 साल की उम्र में साल 1994 में केविन ने आत्महत्या कर ली।
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– Rama Deepak M.A. Mass Communication |